अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली,
मेरे श्याम खेल रहे होली, घनश्याम खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥
मैं जमुना तट पर जाऊं लहरों के दर्शन पाऊं,
अरे मैं खूब करूं स्नान मेरे श्याम खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥
मैं बंसीवट पर जाऊं मुरली की तान सुन आऊं,
अरे मैं छम छम नाच दिखाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥
मैं कुंज गलिन में जाऊं झोली में रंग ले जाऊं,
अरे मैं खूब उड़ाऊ गुलाल मेरे श्याम खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥
मैं भर पिचकारी मारूं वाके मुकुट की आव बिगारू,
अरे मैं अब ना लगाऊं देर मेरे श्याम खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥
मैं भर पिचकारी मारूं माला की आव बिगारू,
अरे वाके मुख में मलू गुलाल मेरे साथ खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥
मैं मंदिर मंदिर जाऊं कान्हा के दर्शन पाऊं,
अरे मैं खूब करूं मनुहार मेरे श्याम खेल रहे होली,
अरे मैं वृंदावन को जाऊं मेरे श्याम खेल रहे होली॥